Govardhan Puja is more than just a ritual; it embodies the essence of devotion, humility, and the power of collective spirit. Celebrating this festival allows devotees to express their gratitude for divine protection, strengthen communal bonds, and honor Lord Krishna’s teachings on the importance of nurturing and protecting the natural world. Govardhan Puja Kyun Manaya jata Hai (गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है) पौराणिक कथा के अनुसार गोवर्धन पूजा की शुरुआत भगवान कृष्ण ने इंद्र का घंमड़ तोड़ने के लिए की थी। द्वापर युग में जब भगवान विष्णु कृष्ण अवतार ... ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का पावन पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन गोवर्धन महाराज की प्रात:कालीन पूजा का समय सुबह 06:26 से लेकर 08:42 बजे तक रहेगा. ऐसे में गोवर्धन महाराज के भक्तों को पूजा के लिए पूरे 02 घंटे 16 मिनट मिलेंगे. गोवर्धन का पर्व प्रकृति और मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है और यह दिन दिवाली के उत्सव का चौथा दिवस होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा या अन्न कूट को प्रतिवर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, गोवर्धन का त्यौहार सामान्यरूप से अक्टूबर या नवंबर में आता है।.